स्वर विज्ञान ज्योतिष

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Health & Fitness | 3.7MB

Description

स्वर विज्ञान ज्योतिष पर अत्यन्त प्राचीन ग्रंथ है। इसमें कुल 395 श्लोक हैं। यह ग्रंथ शिव-पार्वती संवाद के रूप में
ये पुस्तक में ज्ञान चर्चा की है हिन्दी भाषा में है
लिखा गया है। महेश्वरं नमस्कृत्य शैलजां गणनायकम्। गुरुं च परमात्मानं भजे संसार तारकम् अन्वय महेश्वरं शैलजां गणनायकं संसारतारकं गुरुं च नमस्कृत्य परमात्मानं भजे। अर्थ:- महेश्वर भगवान शिव, माँ पार्वती, श्री गणेश और संसार से उद्धार करने वाले गुरु को नमस्कार करके परमात्मा का स्मरण करता
Phonology is the most ancient treatise on astrology. It has a total of 395 verses. This book in the form of Shiva-Parvati dialogue
This book discusses knowledge in Hindi language
 Has been written Maheshwaran Namasthya Shailajan Gnanayakam. Guru G Paramatmanam sent the world Taarakam Anvay Maheshwaran Shailjaan Ganeyakam Sansarataraka Guru Namakshitya Paramatmanam. Meaning: - Maheshwar remembers God by saluting Lord Shiva, Mother Parvati, Shri Ganesh and the Guru who saves from the world.

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