नवकार्षिक चूर्ण, खजूर और मेथी, गेहूँ के दाने,
विजयसार का चूर्ण, कायफल का चूर्ण, किशमिश का प्रयोग,
कागजी नींबू का रस, दालचीनी की छाल, गेहूं की भूसी,
हरी मिर्च की चटनी, यष्टिमधु, आरडूसी के पत्ते,
गुग्गुल की गोंद, इवनिंग प्रिमरोज आयल, कांचनार की छाल,
अमलतास की जड़, जलोदर रोग में, काली खांसी,
कानों में आवाज आना, मानसिक तनाव में राहत, आर्द्रक गैरिक वटी,
वायु का दर्द, उदरकृमि, शुष्कार्द्रक, प्रतिश्याय,
प्रसव के बाद की पुष्टई, नींद भगाने के लिए,
खूबसूरती निखारता है, एनर्जी को बढ़ाए,
कोर्टिसोल नियंत्रित करने में, मेटाबॉलिज्म को सही रखे,
स्ट्रोक में आराम, सफेद दाग, नजले या जुकाम, अग्निमान्द्य,
बहरापन, गुड़मार की पत्ती, डिल(सुवा भाजी) की पत्तियां,
हरा प्याज जड़ों के साथ, डेंगू रोग में, कच्चे पपीते को काटकर,
दालचीनी और त्रिकटु, लिकोरिस चाय, टीबी का उपचार,
पथरी का इलाज, करेले का जूस पिये, काले तिल में मक्खन,
दांतों और मसूड़ों के दर्द, चिकनगुनिया मे रामबाण,
स्वस्थ रहने के लिए, गले में टॉन्सिल, छोटे बच्चों के दाँत,
दही का इस्तेमाल, जोड़ों के दर्द का इलाज, कान मे कीड़ा,
तुतलाने की समस्या, होंठो पर कच्चा दूध, एक अखरोट की गिरी,
काली मिर्च पीस कर, किसी ने काँच खा लिया
गुग्गुल की गोंद, इवनिंग प्रिमरोज आयल, कांचनार की छाल
अमलतास की जड़, जलोदर रोग में, काली खांसी
कानों में आवाज आना, मानसिक तनाव में राहत, आर्द्रक गैरिक वटी