नवग्रह शांति के मंत्र

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Kesehatan & Kebugaran | 5.5MB

Deskripsi

हमारे सौरमंडल में 9 ग्रह यानि सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु व केतु माने गये हैं हालांकि राहु व केतु को विज्ञान के अनुसार ग्रह नहीं माना जाता लेकिन ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ये बहुत ही प्रभावशाली ग्रह हैं इन्हें छाया ग्रह की संज्ञा भी दी जाती है।
जातक की जन्मतिथि, जन्म स्थान एवं जन्म के समयानुसार उसकी कुंडली बनती है जिसमें 9 ग्रहों की दशा का विवरण होता है और इन्ही ग्रहों की दशा, ग्रहों की चाल के अनुसार यह अनुमान लगाया जाता है कि जातक का भविष्य कैसा रहेगा। प्रत्येक ग्रह कुंडली में अपनी स्तिथि के अनुसार शुभ और अशुभ दोनों प्रभाव देतें है। यदि कोई ग्रह कुंडली में अपनी स्तिथि के कारण किसी जातक को अशुभ फल दे रहा तो, जातक को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जैसे बिना वजह घर में कलह क्लेश हो, हर कार्य बनते-बनते बिगड़ जाते हैं, दुश्मन बिना मतलब के परेशान कर रहे हों , स्वास्थ्य ठीक न हो , मान सम्मान का नाश हो रहा, बच्चे का दिमाग का विकास सही तरह से नहीं हो रहा हो आदिl
नवग्रहों के इन अशुभ प्रभाव से बचने के लिए अनेकों उपाय और मंत्र बताए गए है, जातक अपनी सहूलियत के हिसाब से इनमे से एक या कई उपायो को अपना कर ग्रहों के अशुभ प्रभाव से बच सकता है। जो ग्रह हमें अशुभ प्रभाव दे रहे है उन ग्रह का नियमित मंत्र जाप हमारे लिए लाभकारी होता है।
According to auspicious inauspicious actions, planets also have an impact on the life of a human. To mitigate the effect of inauspicious planets and to make the auspicious planets evolve, chanting of planets, prayers and related mantras and tirthankaras have been described. The chanting of the planets, which is suitable for wearing the color, garland, tilak and gem in favorable color of the same planet, gives quick benefit.
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हमारे सौरमंडल में 9 ग्रह यानि सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु व केतु माने गये हैं हालांकि राहु व केतु को विज्ञान के अनुसार ग्रह नहीं माना जाता लेकिन ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ये बहुत ही प्रभावशाली ग्रह हैं इन्हें छाया ग्रह की संज्ञा भी दी जाती है.
जातक की जन्मतिथि, जन्म स्थान एवं जन्म के समयानुसार उसकी कुंडली बनती है जिसमें 9 ग्रहों की दशा का विवरण होता है और इन्ही ग्रहों की दशा, ग्रहों की चाल के अनुसार यह अनुमान लगाया जाता है कि जातक का भविष्य कैसा रहेगा. प्रत्येक ग्रह कुंडली में अपनी स्तिथि के अनुसार शुभ और अशुभ दोनों प्रभाव देतें है. यदि कोई ग्रह कुंडली में अपनी स्तिथि के कारण किसी जातक को अशुभ फल दे रहा तो, जातक को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. जैसे बिना वजह घर में कलह क्लेश हो, हर कार्य बनते-बनते बिगड़ जाते हैं, दुश्मन बिना के मतलब परेशान कर रहे हों, स्वास्थ्य ठीक न हो, मान सम्मान का नाश हो रहा, बच्चे का दिमाग का विकास सही तरह से नहीं हो रहा हो आदि l
नवग्रहों के इन अशुभ प्रभाव से बचने के लिए अनेकों उपाय और मंत्र बताए गए है, जातक अपनी के सहूलियत हिसाब से इनमे से एक या कई उपायो को अपना कर ग्रहों के अशुभ प्रभाव से बच सकता है. जो ग्रह हमें अशुभ प्रभाव दे रहे है उन ग्रह का नियमित मंत्र जाप हमारे लिए लाभकारी होता है.
Menurut tindakan menguntungkan menguntungkan, planet juga berdampak pada kehidupan manusia. Untuk mengurangi efek dari planet sial dan membuat planet-planet menguntungkan berkembang, nyanyian planet, doa dan mantra terkait dan Tirthankaras telah dijelaskan. Penyebutan planet-planet, yang cocok untuk mengenakan warna, garland, tilak dan permata dalam warna yang menguntungkan dari planet yang sama, memberikan manfaat cepat.
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