मुंह का छाला अधिकतर गालों के अंदर, जीभ, होंठ या गले में पाएं जातें हैं। मुँह के छालों की समस्या दिखने में जितनी छोटी हैं उतनी ही अधिक कष्टदायी हैं। यह अक्सर तीखा भोजन करने से या कब्ज की समस्या के कारण ये समस्या हो जाती हैं। अगर आपको छाले कब्ज के कारण हुए है, तो पहले अपनी कब्ज का इलाज कीजिये। अगर आपने सिर्फ मुँह के छालो का इलाज किया तो वह ठीक तो हो जायेगा, पर कब्ज के कारण ये समस्या फिर से उत्पन्न हो जाएगी।
ज़्यादातार मुंह के छालों को इलाज की ज़रूरत नहीं पड़ती यह अपने आप ठीक हो जातें हैं। परन्तु दर्द में आराम पाने के लिए और जल्दी ठीक होने के लिए कुछ इलाज और घरेलु नुस्खे किये जातें हैं जिन लोगों को बार बार छालें होते हैं उन्हें डॉक्टर द्वारा इलाज करना चाहिए जिससे की वह और कोई होने वाली गंभीर समस्या को जांच सकें।
मुँह के छालों में हम अमरुद, अमलतास, अरहर दाल, आंवला, इमली, इलायची, ईसबगोल , एलोवेरा, कत्था, कत्था, कपूर, करेला, कालीमिर्च, केला, गुलकन्द, गुलाब, ग्लिसरीन, घी, चमेली, छाछ, जामुन, जायफल, जीरा, जूही के पत्ते, टमाटर, तरबूज, तुलसी, त्रिफला, दही, धनिया, नमक, नारियल, नीम, पान, पीपलवृक्ष, पुनर्नवा, फिटकरी, बबूल, बरगद, बर्फ, बेकिंग सोडा, बेर, मुनक्का, मुलेठी, मेंहदी, लहसुन, लौंग, शहतूत, शहद, शिलाजीत, सहजन, सुहागा, सोंठ, हरड़, हरा पोदीना, हरी दूब , हल्दी आदि चीज़ो का उपयोग कर सकते है।
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