सरल वास्तु की संकल्पना व्यक्ति के घर तथा कार्यस्थल (खुद का / किराए का ), घर तथा कार्यस्थल की दिशाएँ और ऊर्जा के प्रवाह से नियंत्रित किया जाता है। प्रत्येक व्यक्ती की, उसके जन्म तिथि के आधार पर चार अनुकूल तथा चार प्रतिकूल दिशाएँ होती है। हर घर तथा कार्यस्थल पर सरल वास्तु के सिध्दांतो का अनुसरण करने से आप शांति, सुख, समृध्दि, अच्छा आरोग्य, शिक्षा तथा चुने हुए व्यवसाय में सफलता, पुराने कानूनी विवादों से निपटारा होना, किसी निःसंतान दम्पतियों को संतान की प्राप्ती की मदद हो सकती है। सरल वास्तु की संकल्पनाओं को 2000 से अधिक व्याख्यान, परिसंवाद तथा कार्यशालाओं से भारत भर में और विदेशो में प्रस्तुत करके लोगों कों समझा दिया गया है।
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